RBI: बीत दिन संसद में सरकार ने बजट पेश किया। बजट में मिडिल क्लास को खास रियासत दी गई। 12 लाख तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री रखा गया है। और अगर आप सैलरीड हैं तो आपको 75000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी सैलरीड क्लास को कुल 12 लाख 75 हज़ार की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसे मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। अब बजट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक भी मिडिल क्लास को रियासत देने की सोच रहा है। RBI रेपो रेट में कटौती कर सकता है। जानकार बता रहे हैं कि RBI REPO RATE में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है। REPO RATE यानी वो रेट जिसके आधार पर बाकी के बैंक रिजर्व बैंक से पैसे उधार लेता है। RBI रेपो रेट को ज़रिए महंगाई को काबू में करता है। महंगाई बढ़ने पर RBI रेपो रेट को बढ़ा देता है। इससे कर्ज लेना भी महंगा हो जाता है और महंगाई को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अब चूंकि RBI ने ब्याज दरों में 25 बेसिक प्वाइंट की कटौती कर सकता है, जिससे ये कयाल लगाए जा रहे हैं कि इसका सीधा असर आम जनता की पॉकेट पर देखने को मिलेगा।
बीते दिनों RBI यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की इस मीटिंग में ब्याज दर पर अहम फैसले लेने के कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में ये पहली मीटिंग होगी। RBI ने फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.50% रखा है।
बताया जा रहा है RBI इस मीटिंग में रेपो रेट को 0.25% से घटकर 6.25% कर देगा। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पिछली मीटिंग दिसंबर में हुई थी, इसमें भी कमेटी ने लगातार 11वीं बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। फरवरी 2023 में RBI ने आखिरी बार दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। कोविड-19 के महामारी के दौरान ब्याज दरों में कटौती की गई थी। लेकिन उसके बाद इसे बढ़ा दिया। लेकिन फिर RBI दरों को कम करने पर अहम फैसले ले सकता है। अगर रेट में तब्दीली नज़र आती है तो आम पब्लिक के पॉकेट पर सीधा असर पड़ता दिखाई देगा। होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन के लिए EMI कम हो जाएगी। जिससे लोगों के घर , कार के सपने और अन्य ज़रूरी कामों के लिए बैंक से लोन लेने का सपना साकार होगा।
आपको आंकड़ों के ज़रिए ये समझाने की कोशिश करते हैं – अगर किसी व्यक्ति ने 50 लाख रूपए का होम लोन लिया है। और 8.5% के ब्याद दर पर 20 सालों के लिए लिया है। तो 0.25% की कटौती के बाद उसकी पूरानी EMI 8.5% की दर से 43,059 रूपए होगी। जबकि नई EMI 8.25% पर 42,452 रूपए होगी। जिससे सालाना – 7,2284 रूपए की सेविंग होगी। अमाउंट भले सुनने में छोटा लग रहा हो लेकिन लॉन्ग टर्म में ये अच्छे फायदे के तौर पर तब्दील हो जाएगा। ठीक इसी तरह कार और पर्सनल लोन में भी ग्राहकों के पैसों की खूब बचत होनी है।
लेकिन यहां भी एक कंडीशन है कि ये राहत सिर्फ़ उन्हीं लोगों को मिलनी है, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है। फिक्स ब्याद दर पर लोन लेने वाले ग्राहकों के ब्याज दर में किसी तरह की रियायत नहीं दी गई है। आरबीआई बहुत जल्द ही अपनी नई ब्याज दरों की घोषणा करेगा ये देखना अहम होगा कि केन्द्रीय बैंक दरों का क्या रूख रहेगा। भारतीय रूपया हाल ही में डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है। जिससे आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी में भी असर पड़ता दिखाई दे सकता है। एक्सपर्ट का मानना है कि आरबीआई ब्याज दरों में नरमी बनाए रखेगा, जिससे भविष्य में लोन लेने वालों को राहत मिल सकती है। हालांकि FD पर मिलने वाले ब्याज में भी कटौती हो सकती है। जिससे एफडी में निवेश करने वाले लोगों को मिलने वाला रिटर्न कम हो सकता है।
वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे ने बीते दिन कहा कि यह समय आरबीआई द्वारा दरों में कटौती के लिए सही है। सरकार द्वारा राजकोषीय नीति के साथ ही विकास को बढ़ावा देने के लिए भी काम किये जा रहे हैं। Inflation घरेलू और बाहरी स्तर पर कम है।
Inflation कम होने के कारण दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। सरकार ने इनकम टैक्स राहत जैसे कई कदम उठाए हैं, ताकि खपत को बढ़ाने में योगदान बढ़ सके। अभी भी राजकोषीय घाटा बना हुआ है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई द्वारा इस बार ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। संजय मल्होत्रा से पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे शक्तिकांत दास ने उच्च महंगाई का हवाला देते हुए रेपो रेट में कटौती नहीं की थी। लेकिन अब माना जा रहा है संजय मल्होत्रा अपने पॉलिसी घोषणा में रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकते हैं।
आपको बताते चलें कि ब्याज दरों में कटौती के आसार इसलिए भी बढ़ गए है क्योंकि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा है कि रेट कट के फैसले पर आरबीआई अपना फैसला लेने के लिए पूरी तरह से आज़ाद है. वहीं, रिजर्व बैंक भी ये मानने लगा है कि सिस्टम में ज्यादा कैश की सप्लाई की जरूरत है। ऐसे में इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट में इस बार एक चौथाई फीसदी की कटौती की जा सकती है। यानी रेपो रेट को मौजूदा लेवल 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी किया जा सकता है।